“It is our choices…that show what we truly are, far more than our abilities.”
Mar 23, 2013
Oct 28, 2011
Apr 1, 2011
लगता है आशाएँ थकने सी लगी है
क्यों मिलती नहीं कोई उम्मीद मुझसे
पता नहीं मंजिले खोई है या रास्ताया फिर लगनेलागी कमी किसी की
क्यों जो मिलते है साये सिर्फ थोड़ी देर को ही
तलाश है तो किसकी
जो बिखरे है उन्होंने तो सिर्फ तोडा है मुझको
जो उठती है आवाज़ वो सुनिय नहीं देती किसी को
और जो आवाज़ सुनाई वो तो मेरी सिर्फ परछाई है
कोई इस वक्त है तो कोई हमेशा होके भी कभी नहीं
कोई सुनता नहीं तो कोई सुनाता नहीं
कोई रुकता नहीं तो कोई बुलाता नहीं
अपनी पहचान ढूढने निकली हु पर किसी की परछाई मैं
Jan 22, 2011
रंग
लगता नहीं ये साल नया है
कुछ कम कुछ अधुरा है
क्यों दुखने पर ही होता कुछ नया है
या फिर मासूमीयत के उतारते रंग से कुछ छिला है
कितने बार उन रंगों को फिर निखारेगे
कभी तो उनपे भी निशान छोड़ जायेगे हादसे
पर शायद उन आधे उखड़े
यहाँ वहां बिखरे
कुछ कच्चे कुछ पक्के
रंगों से उभरे कोई खूबसूरत तस्वीर नयी
पर जब तक पूरी ना होगी ये तस्वीर
कैसे मान लू की ये रंग अपनी जगह खुबसूरत नहीं
कुछ कम कुछ अधुरा है
क्यों दुखने पर ही होता कुछ नया है
या फिर मासूमीयत के उतारते रंग से कुछ छिला है
कितने बार उन रंगों को फिर निखारेगे
कभी तो उनपे भी निशान छोड़ जायेगे हादसे
पर शायद उन आधे उखड़े
यहाँ वहां बिखरे
कुछ कच्चे कुछ पक्के
रंगों से उभरे कोई खूबसूरत तस्वीर नयी
पर जब तक पूरी ना होगी ये तस्वीर
कैसे मान लू की ये रंग अपनी जगह खुबसूरत नहीं
Jan 3, 2011
Science as main headline
Avoid illiberal use of science, says Manmohanvia The Hindu
More than the content of the articleI like the fact that science confrence is the main headline. It seem we have come to the turn where we(India) are actually thinking about R&D on large scale not just far and few in between.
Sep 13, 2010
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