May 5, 2013

वाही नहीं


यही कही, कही नहीं
तुमने मुझे रोक नही |

हसी कुशी, कुशी नहीं
भरी आखें छलकी नहीं |

तुमारी यादे भूली नहीं
पर सुनहरी यादे नयी कई |

चलती रही, गुज़री नहीं 
ख़ुशी मुझे मिली वाही |

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